खबर सीमांचल

किशनगंज मुस्लिम पापुलेशन

किशनगंज बिहार के नामी ज़िला है किशनगंज ज़िला का नाम किशनगंज कैसे परा बात काभी पुरानी यह शायद अंग्रेजी हुकूमत से भी आस पास के ताबाद मोहन्द् भकिरुद्दिन् हुआ करते थे कहा जाता है देश भर्मण करते हुए हिन्दु संत यहाँ आ पहुंचे थे बहुत ज्यादा दुरी तय करने के बाद उनका शरीर बहुत  थक गया था और उन की उमर भी बहुत ज्यादा हो चली थी जिस करन वह उन को आराम की बहुत जरुरत थी वह आराम करने जैसे ही नजदीक के एक पैर के पास पहुँचें  उन को किसी तरह खबर मिली उस जगह का नाम आलमगंज है और पास ही बह रही नदी के नाम रमजान है और तो और वहां के जमींदार के नाम भकीरुद्दिन है तो संत ने वहां ढहरने से मना कर दिया तो यह नवाब को पता चला वह कभी चिन्तित हो गए 

उस की वाद नवाब ने एक फेसला लिया जिस के बाद किशनगंज गुदरी से ले कर रमजान गाँधी गाढ के कुछ हिस्से को हुंदी नाम रखने की घोसना की वह नाम किस्नाकुंज था वह नाम धीरे धरे किशनगंज हो गया और अभी पूरे देश में मसहुश शहर को किशनगंज के नाम से जानते हैं स्थानीय लोग किशनगंज को गरीबो का दार्जिलिंग भी कहते हैं साथ ही साथ बिहार के चेरापूंजी किशनगंज को ह्रि मना जाता है इतिहासकार बताते हैं कि किशनगंज की करी महभारत काल एंव पालवन्स के काल से जूरी हुई है किशनगंज के प्रखंड का इतिहास

इस ज़िला में 60 फिस्दी मुसलिम लोग निवास करते है मगर फिर भी यहाँ के लोग आपस ने मिल कर और भायीचारा

के साथ रहते है इस ज़िला के पर्व

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